उमरकोट के हिन्दू राजा राणा अर्जुन सिंह : जब १९४७ में भारत से पाकिस्तान अलग हुआ तो विभाजन के बाद दोनों तरफ के बहुत से परिवार बटवारे के चलते आपस में एक जगह से दूसरी जगह विस्थापित हुए, हालाँकि पकिस्तान में कुछ परिवार ऐसे भी थे जिन्होंने जन्मभूमि को मान्यता दी और काफी संघर्षो के बाद भी अपनी मिटटी को छोड़कर दूसरी जगह पलायन नहीं किया। यही कारण है की कुछ हिन्दुओं ने पाकिस्तान में और कुछ मुसलमानों ने भारत में रहने का फैसला किया। एक ऐसा ही शाही परिवार जिसका नाम उमरकोट के हिन्दू राजा राणा अर्जुन सिंह था।
राणा अर्जुन सिंह ने ना केवल विभाजन के बाद पाकिस्तान में रहने का फैसला किया, बल्कि 1946 में उन्होंने अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के मंच से चुनाव लड़ने का भी फैसला किया।
पकिस्तन के हमीर सिंह राणा कौन हैं : सिर पर भगवा पगड़ी धारी राजा हमीर सिंह, राणा अर्जुन सिंह के पोते और राणा चंद्र सिंह के बेटे हैं। पाकिस्तान में सिंध के आखिरी हिंदू राजाओं में से एक हैं। उनके पिता राणा चंद्र सिंह के निधन के बाद 2009 में उन्हें 'राणा साहब' का ताज पहनाया गया।
अब बात करते हैं उस दबंग हिन्दू राजा हमीर सिंह राणा की जिनके सिर पर अक्सर भगवा पगड़ी, और जिनकी बोलती है तूती पूरे पाकिस्तान में जिससे न केवल मंत्री बल्कि काँपते हैं बड़े बड़े माफिया। हमीर सिंह राणा अर्जुन सिंह के पोते और राणा चंद्र सिंह के बेटे हैं।
इस्लामिक देश में हिंदू पार्टी का गठन किया। : राणा हमीर सिंह के पिता राणा चंद्र सिंह हमीर सिंह की तुलना में अधिक प्रभावशाली थे. राणा चंद्र सिंह की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है की उन्होंने साल 1990 में पाकिस्तान में हिंदू पार्टी का गठन किया। सबसे अहम और रोचक बात यह है कि पाकिस्तान जैसे इस्लामिक कट्टरपंथी देश में इनकी पार्टी का झंडा भगवा रंग का था और उस पर त्रिशूल का चिन्ह था। कहा जाता है कि जब राणा चंद्र सिंह जनसभा करते थे तो लोगों का जनसैलाब भड़क उमड़ था। हालांकि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे राणा हमीर सिंह आज भी उसी उतने ही प्रभावशाली है, कहा जाता है की आज भी उनकी एक आवाज पर सारे हिन्दू एक हो जाते हैं।
0 टिप्पणियाँ