Mathura Vrindavan 2024 : मथुरा वृन्दावन घूमने जाने का सही समय फरवरी-मार्च और सितंबर- नवंबर के बीच होता है

Vishram ghat Manthura
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मथुरा वृन्दावन एक संक्षिप्त परिचय :

Mathura Vrindavan ( मथुरा वृन्दावन ) उत्तर प्रदेश के मध्य में यमुना नदी के तट पर स्थित है। ये भारत के दो ऐतहासिक धार्मिक तीर्थस्थान हैं। इनका इतिहास हजारों वर्ष पुराना हैं जो प्राचीन इतिहास की  वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध हैं। धार्मिक दृष्टि से हिन्दुओं के लिए मथुरा और वृंदावन दोनों शहर महत्वपूर्ण हैं। मथुरा में ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, लेकिन उनका बचपन गोकुल में माता यशोदा की गोद में बीता इसलिए वृन्दावन विशेषतौर पर कृष्ण की बाल लीलाओं के लिए जाना जाता है। मथुरा में अनेक मंदिर और तीर्थस्थान हैं जिसको देखने के लिए भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी प्रतिवर्ष काफी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।

मथुरा वृन्दावन घूमने के लिए आपको कम से कम तीन दिन चाहिए होते है, दो दिन आप मथुरा में रुकर कुछ प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं, और यहाँ के मंदिरों में होने वाली सुबह शाम की आरती में भाग ले सकते है। यहाँ कई झांकियां भी हैं। रात में इस मंदिर की खूबसूरती देखने की जरूरत है। 

एक दिन वृन्दावन को देना चाहिए, जहाँ आप भगवान कृष्ण के नटखट दिनों की बाल लीलाओं का आनंद ले सकते हैं और शाम को यमुना के घाटों की शांति का आनंद ले सकते हैं।

मथुरा वृन्दावन घूमने से पहले मंदिरों की आरती और उनके खुलने बंद होने का समय जानना महत्वपूर्ण है।  इससे समय और पैसा दोनों बचेगा।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर खुलने और बंद होने का समय :

सोमवार से रविवार (SUMMER SESSION)
सुबह : 5.00 बजे से दोपहर : 12.00 बजे तक
शाम : 4.00 बजे से रात : 9.30 बजे तक

सोमवार से रविवार (WINTER SESSION)
सुबह : 5.30 बजे से दोपहर : 12.00 बजे तक
शाम : 3.00 बजे से रात : 8.30 बजे तक

मंगल आरती  - सुबह : 5. 30   बजे
माखनभोग    -  सुबह : 8.00   बजे
संध्या आरती - शाम : 6.00 बजे

Mathura Vrindavan ( मथुरा वृन्दावन)  किस मार्ग से जाएँ : 

हवाई जहाज द्वारा-
निकटतम हवाई अड्डा खेरिया, आगरा है - 62 किमी।

रेल द्वारा
मथुरा राज्य और देश के सभी महत्वपूर्ण शहरों जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, जयपुर, ग्वालियर, कलकत्ता, हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ आदि से जुड़ा हुआ है।

सड़क द्वारा

दिल्ली से मथुरा तक यदि आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो यमुना एक्सप्रेसवे से जाना सबसे अच्छा होगा, क्योंकि यह सुरक्षित और तेज़ है। इस पर यातायात कम है। सड़क मार्ग से दिल्ली से मथुरा जाने का दूसरा विकल्प NH 19/NH 44 है जो 179 किमी की दूरी है और इसमें आपको लगभग 3 से साढ़े तीन लग सकते हैं ।

मथुरा वृन्दावन घूमने के लिए वाहन सुविधा भी उपलब्ध है।  :-

बस स्टॉपेज : भूतेश्वर बस स्टॉप मथुरा पुराना बस स्टॉप 

लोकल परिवहन : बसें, टेम्पो, रिक्शा, साइकिल रिक्शा और तांगा भी उपलब्ध हैं।

Mathura Vrindavan (मथुरा वृन्दावन) में देखने लायक प्रमुख तीर्थस्थल 

1. Mathura Vrindavan 2024 : श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर 

Krishna Janbhumi Temple Mathura
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मथुरा को भगवान् श्रीकृष्ण की नगरी बृजभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ का श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर प्रमुख मंदिर है, जो हिन्दुओं के दिल और आत्मा में एक पवित्र स्थान रखता है । यहाँ तीनो लोकों के स्वामी भगवान् श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान् श्रीकृष्ण की माता देवकी और पिता वासुदेव को राजा कंस के द्वारा बंदी बनाकर कारागार में कैद कर लिया गया था।

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की मूर्ति को खीरे में बैठाया जाता है फिर उन्हें ढक दिया जाता है। वहीं, रात्रि के शुभ मुहूर्त में भगवान श्री कृष्ण का जन्म किया जाता है। प्रतिवर्ष  भारत में श्रीकृष्ण जन्म को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में घर घर में बड़े ही हर्षोउल्लास से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर यहाँ के मंदिरों की लाईटिंग सजावट देखने लायक होती है।  

2. Kusum Sarovar 2024 : कुसुम सरोवर 

Kusum mansoravar Vrindavan
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कुसुम सरोवर, मथुरा के वृन्दावन में गोवर्धन और राधा कुंड के बीच स्थित एक सुंदर तालाब है। यह  एक पुराने महल के आकार की बलुआ पत्थर से बनाई गई इमारत है। तालाब में नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हैं। इस सरोवर का नाम कुसुम सरोवर, राधा की एक दासी के नाम पर पड़ा जिसका नाम कुसुम था। कुसुम सरोवर के आसपास भी देखने लायक बहुत से मंदिर और आश्रम हैं।

राधा और कृष्ण के युग का कुसुम सरोवर हरे पानी से भरा है। तालाब के चारों ओर बेली, चमेली, जूही, युथी, मल्लिका के फूलों का जंगल है। ऐसा कहा जाता है कि इस सरोवर के फूलों को इकठ्ठा करके कृष्ण ने राधा के लिए माला बनाई थी। देश भर से पर्यटक इस सरोवर पर आते हैं, और  कृष्ण के जीवन और उनकी लीलाओं को चित्रित करने वाले सुंदर चित्रों को देखते हैं। शाम की सैर के करने के लिए कुसुम सरोवर बेहतर है, यहाँ पर आप सूर्यास्त को देखते हुए कदंब के पेड़ के नीचे आराम कर सकते है, यहाँ पर कृष्ण अपने बाल सखाओं के साथ खेलते और छिपते थे।

3. Dwarkadhish Temple 2024 : द्वारकाधीश मंदिर 

Dwarikadhis Temple Mathura
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मथुरा का द्वारिकाधीश मंदिर नगर के राजाधिराज बाज़ार में स्थित है। यह मंदिर, मथुरा में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है।  काले संगमरमर की भगवान कृष्ण की मूर्ति, द्वारकाधीश के रूप में, मथुरा के इस मंदिर को सुशोभित करती है। इस मंदिर  की दीवारों पर बने चित्रों को देखकर उनके जीवन की कहानियों को समझ सकते हैं। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए दो द्वार हैं, जहाँ से तीर्थयात्री मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं ।

जन्मभूमि मंदिर में प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी पर विश्व प्रसिद्ध कृष्ण जन्मोत्सव मनाता है। पूरे दिन अनुष्ठान और कार्यक्रम चलते रहते हैं। मंगल आरती सुबह 7 बजे शुरू होती है, वही समय होता है जब श्रद्धालु भगवान की पहली झलक देख सकते हैं।  

मंगला सुबह       6:30  से    7:00 बजे तक
उत्थापन शाम     4:00   से   4:20 बजे तक
श्रृंगार सुबह        7:40   से    7:55 बजे तक
राजभोग सुबह    4:45    से   शाम 5:05 बजे तक
ग्वाल सुबह        8:25    से    8:45 बजे तक
आरती शाम        5:20    से    5:40 बजे तक

राजभोग सुबह  10:00   से    10:30 बजे तक
सायं 6:30 से 7:00 बजे तक

4 . Prem Mandir Vrindavan 2024 : प्रेम मंदिर 

Vrindavan ka Premmandir
वृन्दावन का प्रसिद्ध  " प्रेममंदिर " 

प्रेम मंदिर का निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा भगवान कृष्ण और राधा के मन्दिर के रूप में करवाया गया है। प्रेम मन्दिर का लोकार्पण १७ फरवरी को किया गया था। इस मंदिर में राधा के प्रति कृष्ण के अगाध प्रेम को मंदिर की दीवारों पर चित्रित किया गया है।

वृन्दावन का यह स्थान सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक तीर्थस्थान है। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। मंदिर की दीवारों पर बड़े ही सुन्दर ढंग से कृष्ण भगवान् द्वारा रचित रासलीलाओं को दिखाया गया हैं, इसमें श्रीकृष्ण भगवान्  को गोवर्धन पर्वत उठाते हुए बड़े ही सूंदर ढंग से दिखाया गया है। 

जगतगुरु कृपालु परिषद की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक प्रेम मंदिर के खुलने का समय सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे और शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे तक है।प्रेम मंदिर म्यूजिकल फाउंटेन टाइमिंग : गर्मी में शाम 7:30 बजे और जाड़े में शाम 7:00 बजे। 

5 . Goverdhan Parvat 2024 : गोबर्धन पर्वत  

Goverdhan Parvat
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गोबर्धन पर्वत या गिरिराज पर्वत की दुरी वृन्दावन से 22 किमी है। भगवान कृष्ण ने बाल्यावस्था में  मथुरा गांव को भयंकर बारिश और तूफान से वृन्दावन वासिओं को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था, इसलिए इस पहाड़ी को एक पवित्र स्थान के  रूप में माना जाता है और गुरु पूर्णिमा, गोवर्धन पूजा के दिन श्रद्धालु श्रद्धापूर्वक पर्वत की 23 किमी की परिक्रमा नंगे पैर चलकर पूरी करते हैं।

भगवान कृष्ण ने गांव को भारी वर्षा और तूफान से बचाने के बाद, सभी वृन्दावन वासिओं को गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा, तभी से दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा की जाती है। वृन्दावन में यह एक शांत जगह है, और निश्चित रूप से, यहाँ अवश्य जाना चाहिए!

6. Nidhivan 2024 : निधिवन 

Nidhivan Mathura
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निधिवन को वृन्दावन के सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक माना जाता है। यहाँ के लोगों का मानना है  की भगवान कृष्ण आज भी गोपियों के साथ रास लीला करने के लिए हर रात इस जंगल में आते हैं। और इस  स्थान के आसपास के पेड़ रात होते ही गोपियों में बदल जाते हैं और भगवान कृष्ण के साथ नृत्य करते हैं। भगवान् की रासलीला में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो इसलिए रात में निधिवन को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है।

निधिवन के अंदर जाने के नियम :

निधिवन मंदिर के अंदर जूते पहनकर जाने की मनाही है, इसलिए अपने जूते बाहर ही उतारकर अंदर जाएं। साथ ही आपको स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी सम्मान करना चाहिए। मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है, इसलिए अपने फोन या कैमरा को बाहर ही छोड़कर जायें। सुबह या शाम की आरती के दौरान, मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया जाता है।  रात की रौशनी में पूरा मंदिर दीयों की रौशनी से जगमगाता है। यही समय मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय होता है।

निधिवन मंदिर मथुरा और आगरा से सीधे पहुँचा जा सकता है। दिल्ली से लगभग 150 किमी दूर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है, यह लगभग 15 किमी दूर है। वृन्दावन पहुँचने के लिए आप आसपास के शहरों से बस या टैक्सी ले सकते हैं।

इसके अलावा मथुरा वृन्दावन में कुछ और स्थान हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं जैसे :-

मथुरा 
1.        बरसाना
2.       गोकुल
3.       नंदगांव (नंदग्राम)
4.       विश्राम घाट
5.       कंस किला

वृन्दावन 
1.       बांकेबिहारी मंदिर 
2.       श्री राधा रमन मंदिर 
3.       ISKCON मंदिर 
4.       गोविंददेव मंदिर 
5.       रंगाजी  मंदिर 

FAQs :-

1.  प्रश्न :  मथुरा और वृन्दावन में मुख्य आकर्षण क्या हैं?
उत्तर : मुख्य आकर्षणों में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, गोवर्धन हिल और बांके बिहारी मंदिर शामिल हैं।

2. प्रश्न: मथुरा और वृन्दावन जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
उत्तर : मथुरा वृन्दावन जाने का सही समय फरवरी मार्च या फिर सितंबर और नवम्बर के बीच होता है। इस समय न ही बहुत गर्मी पड़ती और न ही बहुत ठण्ड पड़ती है।
 
3. प्रश्न: मैं आस-पास के शहरों से मथुरा और वृन्दावन कैसे पहुँच सकता हूँ?
उत्तर : आप दिल्ली, आगरा और जयपुर, वाराणसी जैसे शहरों से ट्रेन, बस या टैक्सी द्वारा मथुरा और वृंदावन पहुंच सकते हैं।

4. प्रश्न: मथुरा और वृन्दावन में खाने  लायक कुछ स्थानीय व्यंजन क्या हैं?
उत्तर: इन धार्मिक स्थानों पर जाते समय प्रसिद्ध मथुरा पेड़ा, कचौरी और लस्सी का स्वाद लेना न भूलें।

5. प्रश्न: क्या मथुरा और वृन्दावन में ठहरने के लिए होटल उपलब्ध है?
उत्तर : हाँ, यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उनकी यात्रा के दौरान ठहरने के लिए विभिन्न होटल, गेस्टहाउस और आश्रम उपलब्ध हैं।


Akshar Dham Temple Delhi
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